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Arz Kia Hain (अर्ज किया है )

250.00

यह एक भाव प्रधान हिन्दी Quotes का संग्रह है ।जिन पर परिस्थितिजन्य मनोदशा का गहरा प्रभाव है । मानव हृदय जब जब जला है उसके एहसास पिघल कर शायराना हो गए हैं।उसकी भावनाओं ने एक बेहद सुंदर आकार ले लिया है ।उसी के फलस्वरुप अर्ज़ किया है की उत्पत्ति हुई है ।  ये आमजन से जुड़ी सामान्य परिस्थितियां हैं जो दुविधा की घड़ी में निर्णय लेने में उनकी मदद करती है ।इसीलिए आम से जुड़ कर यह संग्रह कुछ मायनों में खास हो गया है ।

इनका जन्म राजस्थान राज्य के जयपुर जिले के फुलेरा कस्बे में दिनांक 23 दिसंबर 1990 को श्री ललित कुमार शर्मा और अनुपमा शर्मा के यहाँ हुआ ।माता पिता की सबसे छोटी संतान होने के कारण इनके विचार हमेशा से मौलिक और क्रांतिकारी रहे । बचपन से ही साहित्य के प्रति इनका विशेष लगाव था ।हिंदी और अंग्रेजी साहित्य पढ़ते-पढ़ते इनका रुझान लेखन की ओर विकसित हुआ ।अपने अंतर्मन की नकारात्मक भावनाओं को एक सकारात्मक आकार देने का माध्यम इन्हें मिल गया ।शुरुआत कविता से हुई , पूर्व में प्रकाशित कविता संग्रह श्री काफी लोकप्रिय हुआ । धीरे धीरे कविता ने आकार बदला और लघु कथा , ुनवजमे का रूप ले लिया ।  2 जून 2013 को इनका विवाह श्री दिनेश कुमार शर्मा के साथ संपन्न हुआ । गर्व शर्मा और मनस्व शर्मा इनके पुत्र हैं।वर्तमान में ये अंग्रेजी की अध्यापिका के रूप में कार्यरत हैं ।

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